छल
छल
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तेरा मुझ से मिलना किस्मत का छल है।
जो ज़िंदा है मुझ में वो बीता हुआ कल है।।
वो छोटा सा अरसा और कुछ मुलाक़ातें,
उस बीते समय की कुछ प्यारी सी बातें,
सब समेटी हूँ अब तक जिसका न कोई हल है,
तेरा मुझसे मिलना किस्मत का छल है।
हूँ जानती बनाई जो कहानी है मैने,
ये और कुछ नहीं मेरे मन का वहम है।
है झूठ के रिश्ते और स्वार्थ की दुनिया ,
पर जो भी है जैसा मेरी जिंदगी का पल है ।
तेरा मुझ से मिलना किस्मत का छल है।
जो ज़िंदा है मुझ में वो बीता हुआ कल है।।