STORYMIRROR

Monu Bhagat

Drama Inspirational Tragedy

1  

Monu Bhagat

Drama Inspirational Tragedy

चौकीदार

चौकीदार

1 min
6.5K


कुछ अपना सा लगा

वो अंजान

जब वो मकान किराये पर मांगने आया था


बोला चौकीदार बन कर रहूँगा

पर ना जाने क्या हुआ जब से दाखिल हुवा है माकन में

खुद ही अंजानो का मेला लगा रहा है


और मेरे पूछे सवालो को

अपनी कुछ मोटी क़ानूनी किताबी के

पनो के जवाबो से नीचे दबा रहा है...!


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama