शायराना अंदाज मोनू भगत के साथ
शायराना अंदाज मोनू भगत के साथ
सुना है कुछ लोग
उसके हाथों में 101,501,1001, देने लगे हैं।
लगता है कि वो वक्त नजदीक है
जब उसके एक हाथ में नारियल होगा और
माथे पे लाल रंग की फाग।
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कबूल तो हो जाती मेरी भी मोहब्बत
डर तो उसको था
कि कहीं उसे ताउम्र ठहरना न पड़ जाए
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पूछो तो सही
मैं खुद ही बेताब हूं
हाल-ए-दिल बताने को
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दब जाते हैं ना जाने कितने सपने,अपनो की उम्मीदों तले,
क्या आजकल के ख्वाबों का भार इतना हल्का हो गया।
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तुम क्या मुझे मेरा सुरते हाल बताओगे
मैं खुद को घंटो आईना में निहारा करता हु ||
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हां कुछ ख्वाब तो है अपने मेरे,कुछ अपनों की तरह,
सोचता हूं अक्सर उनकी उम्मीदों में फिर उलझ न जाऊ कही।
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क्यों दम तोड़ देते है हमारे सपने,
अपनो की उम्मीदों तले,
क्या उम्मीदों संग ख्वाबों का मुकम्मल हो पाना मुनासिब नही?