चार वर्ण पिरामिड:::::तीज पर
चार वर्ण पिरामिड:::::तीज पर
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१—
वो
झूला
बाहों का
जिसमें माँ
झुलाती सदा
लगता तीज सा
है जीवन संवाद ।
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२—
ये
झूले
तीज के
पेंग देते
गीतों के संग
ऊँचे और ऊँचे
कितनी थी होड़।
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३—
है
अब
बैठना
झूले पर
मचाती शोर
महिलाओं बीच
चंचल लड़कियाँ।
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४—
ओ
दिखा
मेहँदी
मेरी देख
कहते सब
घेवर खाकर
झूल लेने के बाद।
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