STORYMIRROR

Bharti Bourai

Inspirational

4  

Bharti Bourai

Inspirational

देश मेरे

देश मेरे

1 min
367

जियूँ

कुछ इस तरह

देश मेरे

कुछ ऋण तुम्हारा

उतार सकूँ

सोचूँ 

कुछ इस तरह

देश मेरे

जीवन में तुम्हें

उतार सकूँ


गाऊँ

कुछ इस तरह

देश मेरे

गीतों में तुम्हें

गुनगुना सकूँ

लिखूं

कुछ इस तरह

देश मेरे

शब्दों में तुम्हें

बाँध सकूँ


उड़ूँ

कुछ इस तरह 

देश मेरे

तिरंगा अपना

लहरा सकूँ

देखूँ

कुछ इस तरह 

देश मेरे

हरदम तुम्हें

हिय में बसा सकूँ


मरुँ

कुछ इस तरह

देश मेरे

मिट्टी में मिल

तुझ में समा सकूँ।

मैं रोऊँ-गाऊँ

कुछ भी करूँ

देश मेरे

जब चाहूँ तुम को

बुला सकूँ।   



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational