आओ स्मरण करें
आओ स्मरण करें
आओ
स्मरण करें उनको
जो स्वतंत्रता के लिए
अपना घर, स्वजनों को तज कर
अप्रतिम पौरुष धारण कर
अंग्रेजों से लोहा लेते
फाँसी के फंदे पर झूल गये....
फिर
स्मरण करें उनको
जो लड़े,बचे
और सारा जीवन
जिये राष्ट्र के लिये..
न पद लिया,
पद भी लिया,
तो देश का काम किया
सादगी, स्वाभिमान से
जीवन जिया...
और
स्मरण करें उनको
जो शहीद हुए
सरहद पर
और लौट के घर ना आये....
अपने
इस स्वतंत्र देश में
श्वास जो
हर पल हम लेते हैं
उतने ही ऋणी बनते हैं
उनके राष्ट्रप्रेम और त्याग के
हर पल इन्हें स्मरण करें...
और बचे जो
उनके स्मरण का भी
समय आयेगा
जब उनके कृत्यों का हिसाब
आने वाला समय लगायेगा
इतिहास लिखा जायेगा।
