चाँद शरद का
चाँद शरद का
शहद रातों में
आते हो जब तुम याद,
मेरे कसकते दिल को
कितना सुकूं देता है
ये चाँद शरद का.....
दूधिया रोशनी में भी
जब तुम कहीं नज़र नही आते,
और मैं देखती हूँ हसरत भरी निग़ाहों से
तेरा अक़्स देता है मुकम्मल
ये चाँद शरद का....
मेरे कांधों पर एहसास तेरा
तेरे पास होने का विश्वास मेरा
तेरी मिश्री सी मीठी बातों सा
टपकता बूंद बूंद अमृत मुसलसल
ये चाँद शरद का.....
मैं ख्वाबों के आसमान में
यादों के सितारों का ,,
कालीन बिछाकर....
रोज़ मांगती हूँ दुआएं
तू खुश रहे जहाँ भी रहे..
साथ है चाँद
गवाह तेरे साथ का
ये चाँद शरद का.....