प्रकृति का जादू
प्रकृति का जादू
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उनींदी आँखों में रोज़
ये जादू होता है,,,,
नभ पे फैला लाल रंग
शनैःशनैः ह्रदय के फर्श पर
बिखरता जाता,,
आबद्ध इसी में मन का धरातल
सौंधेपन से भर जाता,,
एक बिम्ब निराकार
क्षण क्षण विस्तार पाता,,
चिड़ियों के मधुर कलरव से
भोर आगमन पाता,,
मंद मंद पवन झकोरा
मुख से आँचल सरकाता,,
प्रकृति के इस अगाध स्नेह से
उर अनंतिम तृप्ति पाता,,
उनींदी आँखों में रोज़
ये जादू होता है,,,,