गौ ग्रास और कोओं का क्या खिलाना बहुत सी इसकी कहानी रोटी रहित कैसी जिंदगानी गौ ग्रास और कोओं का क्या खिलाना बहुत सी इसकी कहानी रोटी रहित कैसी जिंदगानी
अपने पुरखों की आत्मा की तृप्ति के लिए वैदिक काल से हम करते आ रहे हैं श्राद्ध। अपने पुरखों की आत्मा की तृप्ति के लिए वैदिक काल से हम करते आ रहे हैं श्राद्ध।
मीठी मिसरी घोलो मुख से, सबका करती है कल्याण। मीठी मिसरी घोलो मुख से, सबका करती है कल्याण।
सच कहते हैं सभी माँ के प्रेम की कोई सीमा नहीं। सच कहते हैं सभी माँ के प्रेम की कोई सीमा नहीं।
और आँचल से मुँह ढ़ँककर सो गया गोद में माँ के पूरे तृप्ति के साथ। और आँचल से मुँह ढ़ँककर सो गया गोद में माँ के पूरे तृप्ति के साथ।
दोनों ही दशा में वो सूरज है और यही उसको देती तृप्ति है, दोनों ही दशा में वो सूरज है और यही उसको देती तृप्ति है,