Shalinee Pankaj

Inspirational

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Shalinee Pankaj

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रोटी

रोटी

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रोटी की सुनाऊँ मैं क्या दास्तान

कैसे करूँ मैं इसका बखान

खुशहाल जिंदगी सबकी होती

गर मिल जाए सबको दो वक्त की रोटी


पर बिन मेहनत के नहीं मिलता

जिसे मिले वो इसकी कद्र नहीं करता

क्या दोष उन बच्चों का

भूखा रह जो है तड़पता

धिक्कारती है तब अंतरात्मा


गौ ग्रास और कोओं का क्या खिलाना

बहुत सी इसकी कहानी

रोटी रहित कैसी जिंदगानी

काश की हर कोई संकल्प करे

जितनी भूख उतना ही ले


समारोह उत्सव में 

ना अन्न का अपमान हो

भूखा यहाँ ना अब कोई इंसान हो

मेहनत की रोटी ही खाये हर कोई

पर बुजुर्ग बच्चों पर दया करो हर कोई


जहाँ मिले कोई नन्हा शैतान

खिलाओ उसे बना मेहमान

भूख से जब मिलेगी तृप्ति

देखो आँखों से दुआएँ बरसती।



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