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Deepti S

Romance Tragedy Fantasy

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Deepti S

Romance Tragedy Fantasy

चाँद नजर आ गया

चाँद नजर आ गया

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जब से देखा तुमको ये मन बावरा हो गया

चैन नहीं तुम्हारे बिना कैसे पल पल बीत रहा

स्वप्न में भी अब तो तुम्हारा पहरा हो गया

बेचैनी का आलम ये कि हर आहट पे तुम्हें टोह रहा


न जाने ये तुम्हारा पता,फिर भी आशा तुम्हें पाने की

बहाने बना पहुँच जाता जहाँ टकराये थे तुमसे कभी 

तुम्हारा बंधा रूमाल मेरे घाव पर न हिम्मत उसे खोल पाने की

घाव तुमने दिया पूँछ लेना आकर मेरा हाल भी कभी


आज तो चाँद नजर आ गया बिना ईद उसी गली में कहीं

जहाँ से मुँह मोड़ लिया था हमने तेरा इंतेज़ार करते कभी

पर ये क्या हमें घाव देने वाले खुद पीड़ा का स्वाद चख़े थे कहीं

शिकार हुए, शख़्स से,जो माया के आगे, प्रेम न देख पाये कभी


लुटे,तब सच्चाई जाने,जिसके साथ रंगीन दुनिया थी देखी

वापस लौटे उन गलियों जहाँ कर गये मेरा प्रेम को अनदेखी।


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