चाहत
चाहत
चाहा नहीं कभी
उसके दिल की रानी बनूँँ।
चाहा नहीं कभी
उसके होंठों की कहानी बनूँँ।
चाहा नहीं कभी
उसके चेहरे की मुस्कान बनूँ।
चाहा नहीं कभी
उसके दिल की धड़कन बनूँ।
चाहा नहीं कभी
उसकी प्यार बनूँ।
चाहा नहीं कभी
उसकी दिलदार बनूँ।
चाहा नहीं कभी
हीरे -मोती सोना -चांदी लूँ।
चाहा नहीं कभी
रुपये -डॉलर बंगला -गाड़ी लूँ।
चाहा नहीं कभी
उसके अधरों को चूमूँ।
चाहा नहीं कभी
उसकी बांहों में झूमूं।
चाहा नहीं कभी
उसके बदन की जान बनूँ।
चाहा नहीं कभी
उसकी रूह की तड़पन बनूँ।
चाहत है बस यही
देख ले वो मुझे एक नजर ।
काफी है बस यही जीने के लिये उम्र भर।।