STORYMIRROR

Neelam Chawla

Romance

4  

Neelam Chawla

Romance

चाहत

चाहत

1 min
394

मैं प्रेम पड़ी वो 

पागल औरत हूॅँ

जिसे धरती भी चाहिए 

और आसमां का टुकड़ा भी 


पर तुम्हरा प्यार

चाहिए मुझे ,

मेरी साड़ी के 

पल्लू में पड़ी

मन्नत की एक गांठ जितना


एकदम छोटी गांठ जो

हजार मन्नतों 

का हाथ थामकर,

मुरादों की एक

सुरीली कविता

बना देती है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance