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Neelam Chawla

Abstract

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Neelam Chawla

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प्रेम

प्रेम

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प्रेम की उम्र बस इतनी

जितनी दूर पडोसी का दरवाज़ा।


करना है तो अभी करो प्रेम

बीसाते बिछाओ

चाले चलो

 हर चाल पर उल्टी 

चाल चलो 

प्रेम की


मेरे सामने कुर्सी पर 

बैठा कोई शक्स, पूरी दुनियाँ को

कंप्यूटर मशीन से 

सबको एक सूत्र में

बाँधने की बात कर रहा हैं 

प्रेम ही होगा वो भी


ना जाने क्यो लोग चान्द को 

देख प्यार की बात करते हैं 

पर हक़ीक़त ये है

की एक दुसरे की प्रेम की नब्ज़ छूते छूते रह जाते है।


आज के हालात में प्रेम बचाने की जरूरत नहीं

अगर तुम प्यार बाटने मे लगे हो।


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