रखी गई कविता
रखी गई कविता
हमने कई कवितायेँ
हाथों में पकड़ी
माथे पर पकड़ी
पर दिल पर न रख सके।
और जो कविताऍं दिल पर
रखी गई
वो खुद ब खुद
माथे और हाथो में ठहर गई।
हमने कई कवितायेँ
हाथों में पकड़ी
माथे पर पकड़ी
पर दिल पर न रख सके।
और जो कविताऍं दिल पर
रखी गई
वो खुद ब खुद
माथे और हाथो में ठहर गई।