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Ramashankar Roy 'शंकर केहरी'

Tragedy

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Ramashankar Roy 'शंकर केहरी'

Tragedy

बवाल

बवाल

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सपना अक्सर सपना होता है

सपना में सपना अजूबा होता है


जब जब अजूबा होता है 

तब तब बवाल होता है


अच्छे सपने के लिए गहरी नींद चाहिए

गहरी नींद के लिए

पेट का भरा होना

माहौल का सुरक्षित होना

बेहद जरूरी है 


इसके लिए अनिवार्य है

मेहनती किसान 

बहादुर जवान


आज दोनों परेशान हैं

जवान दुश्मन से

किसान दोस्त से


जवान को मरना है या मारना है

किसान को मरना है या तरसना है


आज कृषि बिल का बवाल है

किसान का बेजोड़ हड़ताल है


सरकार खूबियाँ बता रही

विपक्ष खामियाँ बता रही


किसान का समझ कठुआ गया 

मसपी और ठीका से छुआ गया


हर तरफ एक ही सवाल है

कैसा हो रहा यह बवाल है


काश सपने मे मिली आँखे हकीकत में होती

सबके मन की बातें सरेआम होतीं


दोनो तरफ के नेता कहते कुछ चाहते कुछ

मासूम किसान सुनते कुछ और समझते कुछ


यही कुछ का कुछ होना कमाल है

समझ लो यही असली बवाल है ।।


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