।।बुजुर्ग।।
।।बुजुर्ग।।
बुजुर्गों को हर हाल में, सम्मान मिलना चाहिए।
कम हो भले हस्ती किसी की, मान मिलना चाहिए।
देते हैं जीवन का अनुभव, संस्कार यही बतलाते हैं।
पकड़ कर उंगली धरती पर,चलना हमें सिखाते हैं।
आज बुढ़ापे की काया को, सुख धाम मिलना चाहिए।
बुजुर्गों को हर हाल में, सम्मान मिलना चाहिए।
मन के अंधेरे दूर करके, रोशन जीवन को किया।
सहते रहे हर कष्ट खुद ही, सुख सभी हमको दिया।
हो गई काया पुरानी, अब आराम मिलता चाहिए।
बुजुर्गों को हर हाल में, सम्मान मिलना चाहिए।
समाज के निर्माण में, योगदान इनका है बहुत।
अंधेरा दूर करने को, जलाए दीपक हैं बहुत।
अब डूबते सूरज को भी, सलाम करना चाहिए।
बुजुर्गों को हर हाल में, सम्मान मिलना चाहिए।
घर की बागिया महकाने को, सुंदर फूल खिलाए हैं।
देख महकती बगिया को, मन ही मन हर्षाए हैं।
आज बने जो बूढ़े बरगद, दाना पानी मिलना चाहिए।
बुजुर्गों को हर हाल में, सम्मान मिलना चाहिए।
