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Writer Ajooba:

Children

3.4  

Writer Ajooba:

Children

बसंत आ रहा है,

बसंत आ रहा है,

1 min
44


ओ! मां,

पत्ते जो पहले झड़ रहे थे

अब क्यों उग रहे है?

सर्दी जो पहले बढ़ रही थी

अब क्यों घट रही है?

वे सूखे-सूखे बबूल

जो नर कंकाल-से लगते थे,

आज किसका स्वागत कर रहे है?


बेटा! वह आ रहा है

कौन?

पीले परिधान पहनकर प्यारा बसंत आ रहा है।

उसकी स्वर्णमय पीली आभा से,

धन-धान्य पूरित हो रहा

उसकी विलक्षण पीली काया से

वसुंधरा शोभित हो रही ,

उसकी छोटी सी श्रेष्ठ माया से

हर कोई लोभित हो रहा , हर कोई मोहित हो रहा।



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