STORYMIRROR

MANISHA JHA

Romance

3  

MANISHA JHA

Romance

बस तेरे साथ

बस तेरे साथ

1 min
153

तुम्हारे साथ चलना है 

बस अब तुम्हारे साथ ही चलना है

ले के हाथों में हाथ ही चलना है

उम्र के हर मोड़ पे, जीवन के इस डोर

को लिए साथ ही चलना है

धूप हो या छाँव, तेरे साथ ही निखरना है

दिन की रोशनी और

रात की चाँदनी को तेरे साथ ही निहारना है

ख़ुशबू बनकर तेरे साथ ही महकना है

हर हाल में तेरे ख्याल में ही रहना है

जीवन के जंजाल में तेरे साथ ही उलझना है

हर मुश्किलों को तेरे साथ ही सुलझाना है

तेरी हूँ

और तेरी ही बनकर अब जिंदगी संवारना है 


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance