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MANISHA JHA

Romance

3  

MANISHA JHA

Romance

बस तेरे साथ

बस तेरे साथ

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तुम्हारे साथ चलना है 

बस अब तुम्हारे साथ ही चलना है

ले के हाथों में हाथ ही चलना है

उम्र के हर मोड़ पे, जीवन के इस डोर

को लिए साथ ही चलना है

धूप हो या छाँव, तेरे साथ ही निखरना है

दिन की रोशनी और

रात की चाँदनी को तेरे साथ ही निहारना है

ख़ुशबू बनकर तेरे साथ ही महकना है

हर हाल में तेरे ख्याल में ही रहना है

जीवन के जंजाल में तेरे साथ ही उलझना है

हर मुश्किलों को तेरे साथ ही सुलझाना है

तेरी हूँ

और तेरी ही बनकर अब जिंदगी संवारना है 


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