बस ख्याल रखना
बस ख्याल रखना
तुम अपना ख्याल रखना मैं भूल गया ।
अब ना जाने कब मैं खुद में घुल गया।
कितना याद रख पाता और, आखिर
अरे ! तुझे नहीं मैं खुद को भूल गया।
साँझ का समय है, सूर्य डूबता जा रहा है।
खुशी से जैसे कोई ग़म ऊबता जा रहा हैं।
दिन भर का सफर याद रहेगा,जितने पल
अब तो जैसे हर पल चुभता जा रहा है।
तेरी परछाई याद करेगी, मुझे मालूम है।
अधूरी जो है, मेरी बिन परछाई मालूम है।
जब दोनों साथ बैठते थे तब पूरी होती थी
वो अमिट परछाई, यार तुझे तो मालूम है ।
कोई फर्क नहीं पड़ता है मुझे , तेरे जाने से ।
जब फर्क ही नहीं पड़ा खुद के खो जाने से।
हाँ बस कभी - कभार याद करूँगा जब मुझे
मौत आयेगी,जब तुझसे छीनकर ले जाने से।
अपनी जिंदगी से बिखरकर बस खो चुका हूँ।
तेरे इश्क़ में आँखों के लाल रंग से रो चुका हूँ।
अब नहीं बहाये जाते रोज मुझसे आँसू याद में।
जब याद करके हर लम्हा याददाश्त खो चुका हूँ।