Shishpal Chiniya
Tragedy
बारिश गिर रही थी मेरे ऊपर,
तो मैंने सोचा ये कड़वी क्यों है,
फिर पता चला आँखों से गिर रही हैं।
मेरे हमसफर
रस्सी
दर्द
शुन्य
ये लम्हे
ईश्क़
बारिश
बस यूं ही
जान
हद है
कुछ नहीं लिख पा रहा हूँ मैं , कुछ नहीं कह पा रहा हूँ मैं। कुछ नहीं लिख पा रहा हूँ मैं , कुछ नहीं कह पा रहा हूँ मैं।
बस दिमाग में, एक ही बात रहती थी, काम, नाम, पैसा, और फिर काम बस दिमाग में, एक ही बात रहती थी, काम, नाम, पैसा, और फिर काम
सहन नहीं हो पाएगा मैं तो जीते जी मर जाऊँगी मर जाऊँगी मैं....। सहन नहीं हो पाएगा मैं तो जीते जी मर जाऊँगी मर जाऊँगी मैं....।
शहरोंं के शहर सुने पड़े है और हम निकल पड़े है ख्यालों में। शहरोंं के शहर सुने पड़े है और हम निकल पड़े है ख्यालों में।
काश, तू भी कभी ऐसे ही तड़पे तुझे भी तो पता चले गीले तकियों पर नींद कैसे आती है। काश, तू भी कभी ऐसे ही तड़पे तुझे भी तो पता चले गीले तकियों पर नींद कैसे आत...
क्रूर काल तू निर्दयी है, निर्मम है..निर्मोही है..! क्रूर काल तू निर्दयी है, निर्मम है..निर्मोही है..!
आज हमने इसे विनाश की कगार में लाकर किया है खड़ा आज हमने इसे विनाश की कगार में लाकर किया है खड़ा
मालिक ने हमें निकाल दिया छत से भी महरूम किया मालिक ने हमें निकाल दिया छत से भी महरूम किया
मज़दूर तू मज़बूर क्यों है, आज भी संसार में, तू ही रोता बिलखता क्यों, हर आपदा के वार में. मज़दूर तू मज़बूर क्यों है, आज भी संसार में, तू ही रोता बिलखता क्यों, हर आ...
अब तो आँख के आँसू भी सूख गए ख़तम हो गए खुद को बहलाने के बहाने अब तो आँख के आँसू भी सूख गए ख़तम हो गए खुद को बहलाने के बहाने
प्रलय आ रहा किस्तों में है, कही प्रकृति अपना आँचल खींच न ले। प्रलय आ रहा किस्तों में है, कही प्रकृति अपना आँचल खींच न ले।
नफ़रत के पथ से दूर रहेंगे, तो ही सभ्यता सज पाएगी। नफ़रत के पथ से दूर रहेंगे, तो ही सभ्यता सज पाएगी।
कोरोना वायरस कोरोना वायरस
मैं बता ही नहीं सकता कि सुबह ख़ूबसूरत है या शाम मैं बता ही नहीं सकता कि सुबह ख़ूबसूरत है या शाम
इबादत की तरह मोहब्बत की थी कभी, तुमसे कुछ कहने की जुर्रत की थी कभी दरख़्त से टूट कर आज भी जब कोई प... इबादत की तरह मोहब्बत की थी कभी, तुमसे कुछ कहने की जुर्रत की थी कभी दरख़्त से ट...
देवियों के नाम पर मुझे पूजा गया है हर प्रथाओं को इतिहास में देखा गया है देवियों के नाम पर मुझे पूजा गया है हर प्रथाओं को इतिहास में देखा गया है
समाज के ताने भी अच्छे लगते हैं मुझे, और इनकी गंदी गालियाँ भी समाज के ताने भी अच्छे लगते हैं मुझे, और इनकी गंदी गालियाँ भी
संक्रमण श्रृंखला को तोड़ने को, लाक डाउन का किया है विस्तार, तीन मई तक चलेगा यह चरण दूस संक्रमण श्रृंखला को तोड़ने को, लाक डाउन का किया है विस्तार, तीन मई तक चलेगा य...
एकटक कर रहे उस वक्त का इंतज़ार, पुनः होगा जब जन शक्ति का संचार एकटक कर रहे उस वक्त का इंतज़ार, पुनः होगा जब जन शक्ति का संचार
मैं अभी जिंदा हो जाऊँ तो कितने मेरे साथ बैठेंगे मैं अभी जिंदा हो जाऊँ तो कितने मेरे साथ बैठेंगे