Shishpal Chiniya
Abstract Tragedy Thriller
निकल रही है जान,
आँसुओ की तरह।
न दिखा सकते हैं
और ना रोक सकते हैं।
मेरे हमसफर
रस्सी
दर्द
शुन्य
ये लम्हे
ईश्क़
बारिश
बस यूं ही
जान
हद है
कुर्सी बैठने की चीज है न कि माथे पर लेकर चलने की। कुर्सी बैठने की चीज है न कि माथे पर लेकर चलने की।
सच्चे भक्तों के लिए शिव की उपासना ही तो काशी है सच्चे भक्तों के लिए शिव की उपासना ही तो काशी है
वो तो साक्षात निर्विकार अनादि कालो के काल, अर्द्धनारीश्वर उमाशंकर महादेव देवो के देव है वो तो साक्षात निर्विकार अनादि कालो के काल, अर्द्धनारीश्वर उमाशंकर महादेव देवो...
देर रात जगना, उल्लू सा उठना, रिश्तों में पड़ना , उसमें उलझना, देर रात जगना, उल्लू सा उठना, रिश्तों में पड़ना , उसमें उलझना,
यह मनुष्य का पशुवत व्यवहार पशु नहीं वो सबके सब मानव हैं.. यह मनुष्य का पशुवत व्यवहार पशु नहीं वो सबके सब मानव हैं..
हवा की सफ़र में बयार बैर हो अगर बेअसर तलाश हूँ जवाब दूं क्या हवा की सफ़र में बयार बैर हो अगर बेअसर तलाश हूँ जवाब दूं क्या
अजब दुनिया है ,गजब हैं लोग, सबके हैं अपने ,अलग अलग रोल। अजब दुनिया है ,गजब हैं लोग, सबके हैं अपने ,अलग अलग रोल।
इश्क़ वो गुनाह है, इश्क़ वो धोखा है, इश्क़ इबादत नहीं, अब हवस बना है। इश्क़ वो गुनाह है, इश्क़ वो धोखा है, इश्क़ इबादत नहीं, अब हवस बना है।
नये प्रेम का दौर है और सब संवर रहे हैं। नये प्रेम का दौर है और सब संवर रहे हैं।
मस्त मलंग से भौरों की गुनगुन में भी है एक संगीत, मस्त मलंग से भौरों की गुनगुन में भी है एक संगीत,
लोकतंत्र की सजी झांकी देखकर गर्व करे जय भारत का राग गाकर वीर शहीदों को नमन करे। लोकतंत्र की सजी झांकी देखकर गर्व करे जय भारत का राग गाकर वीर शहीदों को नमन कर...
अब स्त्रियां अंधेरे में भी निडर होकर चल पाती है, अब स्त्रियां अंधेरे में भी निडर होकर चल पाती है,
फ़िर बलिदान को समझाने, प्रतीक्षा को परिभाषित करने। फ़िर बलिदान को समझाने, प्रतीक्षा को परिभाषित करने।
जहाँ भज लो शिव का नाम वहीं शिवाला है..... जहाँ भज लो शिव का नाम वहीं शिवाला है.....
पहले आंखें खोल ऊंआ ऊंआ कर रोई । डॉक्टर बोली प्यारी सी गुड़िया है आई। पहले आंखें खोल ऊंआ ऊंआ कर रोई । डॉक्टर बोली प्यारी सी गुड़िया है आई।
कोटि मुसाफिर मिलें पर अपने कर्मों का हमसफ़र कोई नहीं कोटि मुसाफिर मिलें पर अपने कर्मों का हमसफ़र कोई नहीं
बेपनाह इश्क का पहला गुलाब, हसीन कोई ले रही नहीं जनाब। बेपनाह इश्क का पहला गुलाब, हसीन कोई ले रही नहीं जनाब।
खुद पर लाद घूम रहे हैं सारे काम जरूरी लेकर, जंगल जंगल भटक रहे हैं हम सारे कस्तूरी लेकर खुद पर लाद घूम रहे हैं सारे काम जरूरी लेकर, जंगल जंगल भटक रहे हैं हम सारे कस्...
रँग - बिरंगी तितलियों ने, बगीचे में नृत्य - गान किया। रँग - बिरंगी तितलियों ने, बगीचे में नृत्य - गान किया।
वो साल उसे याद हो न हो मुझे याद है। वो साल उसे याद हो न हो मुझे याद है।