Shishpal Chiniya
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दर्द भी अजीब, चुभता ही रहता है।
जितना सहन करो, उतना अधिक मिलता है।
मेरे हमसफर
रस्सी
दर्द
शुन्य
ये लम्हे
ईश्क़
बारिश
बस यूं ही
जान
हद है