Shishpal Chiniya
Abstract Tragedy Thriller
बार बार क्यों देते हो दर्द
जुदाई का।
एक बार में खत्म करो ना,
मोहब्बत का इंतजार।
खुश होकर मर जायेंगे।
मेरे हमसफर
रस्सी
दर्द
शुन्य
ये लम्हे
ईश्क़
बारिश
बस यूं ही
जान
हद है
जिंदा है तुम्हारे लिए, प्यार मेरे दिल में। माफ करना हुई हो भूल, कोई मुझसे।। जिंदा है तुम्हारे लिए, प्यार मेरे दिल में। माफ करना हुई हो भूल, कोई मुझसे।।
इसलिए मान लो "इरा" की यह सीख भली। न करना माँ के सम्मान में कभी कोई कमी। इसलिए मान लो "इरा" की यह सीख भली। न करना माँ के सम्मान में कभी कोई कमी।
अंधकार और विलाप विशाल अनभिज्ञ, अनजान सारे सवाल अंधकार और विलाप विशाल अनभिज्ञ, अनजान सारे सवाल
रचते कर्मों से कहानी है झूठी नहीं है बात मेरी रचते अपनी जवानी है। रचते कर्मों से कहानी है झूठी नहीं है बात मेरी रचते अपनी जवानी है।
एकतरफा यह प्रीत हमारी कुछ शर्मीली कुछ संकोची ! एकतरफा यह प्रीत हमारी कुछ शर्मीली कुछ संकोची !
बस इतना पता है, इस जीवन में मेरा कोई नहीं है तुम्हारे बिना। बस इतना पता है, इस जीवन में मेरा कोई नहीं है तुम्हारे बिना।
चल चल मुसाफिर चल मंजिल मिलेगी आज नहीं तो कल.... चल चल मुसाफिर चल मंजिल मिलेगी आज नहीं तो कल....
सुखी वही यहांँ जो चलता वक्त के अनुसार खुद को बदलकर।। सुखी वही यहांँ जो चलता वक्त के अनुसार खुद को बदलकर।।
जो अपने कुल की मर्यादा को भी ना बचा पायें वो ही धृतराष्ट्र है। जो अपने कुल की मर्यादा को भी ना बचा पायें वो ही धृतराष्ट्र है।
जो मेरे लिए करेंगी उजागर राहें नई, नई मंज़िल भी। जो मेरे लिए करेंगी उजागर राहें नई, नई मंज़िल भी।
वक्त जीने के तौर तरीके अपने तरीके से सीखा ही देता है।। वक्त जीने के तौर तरीके अपने तरीके से सीखा ही देता है।।
इस बात को भी यार वो हँसकर समझता है। इस बात को भी यार वो हँसकर समझता है।
अन्न आग का मिलन पवित्र होता है अन्न आग का मिलन पवित्र होता है
शायद उस दिन सफर सरल हो जाएगा ओर जितना खोया पाया है सब अर्थपूर्ण होगा। शायद उस दिन सफर सरल हो जाएगा ओर जितना खोया पाया है सब अर्थपूर्ण होगा।
संभल जाएं तो बनेगा यही मन, हमारा दोस्त, हमसफ़र ! संभल जाएं तो बनेगा यही मन, हमारा दोस्त, हमसफ़र !
तुम्हें अपने होने की अनुभूति कराने के लिये सक्रिय रहेगी। तुम्हें अपने होने की अनुभूति कराने के लिये सक्रिय रहेगी।
खुद के बारे में सोचकर अब बेहतर जिंदगी जीने लगी हूं मैं।। खुद के बारे में सोचकर अब बेहतर जिंदगी जीने लगी हूं मैं।।
रख दिया तुम्हें वहीं, जहां थी तुम पड़ी। आज अरसे बाद देखा तुम्हें............ रख दिया तुम्हें वहीं, जहां थी तुम पड़ी। आज अरसे बाद देखा तुम्हें............
शक्ति रुप नारी है शिव रूप नर है धरती रुप है नारी अंबररुप नर है। शक्ति रुप नारी है शिव रूप नर है धरती रुप है नारी अंबररुप नर है।
मिटेगा तम जरुर एक प्रभात, यही सोच मन में होता उल्लास ! मिटेगा तम जरुर एक प्रभात, यही सोच मन में होता उल्लास !