बस इतनी सी है गुजारिश (नीला रंग)
बस इतनी सी है गुजारिश (नीला रंग)
तुम आए मेरी ज़िन्दगी में
आशाओं की नई किरण बनकर
जैसे अंधेरी रातों में दमकता कोई तारा
उतर आया हो धरा पर
तुम्हारी मुस्कान की रोशनी में
बदली है करवट मेरी चाहतों ने
बदले हैं सुर मेरी उदासियों ने भी
कल तक जो हताशा
रहती थी संग मेरा साया बनकर
पल भर में जाने कहाँ गुम हो गई
हुई है तुमसे रोशन जिंदगानी मेरी
तुम क्या आए ज़िंदा हुई हर ख्वाहिश
दम तोड़ती तमन्नाएँ खिलखिला उठी
सच कहूँ ज़िन्दगी वह नहीं
जो कल थी,
ज़िन्दगी तो वह है
जो पाई है मैंने तुमको पाने के बाद
प्यार, मोहब्बत की भाषा मैं क्या जानूं
में तो बस इतना जानू
बदली है तकदीर, बदले हैं ख्यालात
जज्बातों का समंदर भी है छलका
तुमने संभाला है मुझको
जैसे किनारों ने संभाला लहरों को
अब तुम ही मेरी जिंदगी, तुम ही मेरी बंदगी
क्या कुछ नहीं बदला, सब कुछ तो बदल गया
बस इतनी-सी है गुजारिश मेरी
छोड़ मत देना दामन मेरा
हालात कैसे भी क्यों ना हों
मगर तुम ना बदलना कभी, बदले ज़माना चाहे।