बोलती तस्वीर
बोलती तस्वीर
जब जन्म लिया इस धरती पर
अंक में भर माँ ने चुमा माथा
बाबा ने शहद रखा जिव्हा पर
पिता ने सिर पर सहलाया
दादी दौड़ पड़ी बनवाने कुण्डली
पंडित ने नाम सुझाया ,सौभाग्य
परिवार का सौभाग्यशाली पुत्र
राज योग ले पैदा हुआ
मां का राज दुलारा
बापू का आँखों का तारा
खेलता -कूदता बचपन आगे बढा
जाने लगा स्कूल पढ़नें
एक दिन दूर्भाग्य से
उस को लालच दे
अंकल ने एक दी चोकलेट
मासूम ने उनको समझा अपना
भाग्य ने छीन लिया बचपन
ले गये दूसरे शहर मारा ,पीटा
रोया ,चिल्लाया ना सुनी उस की
धकेला कार्य करने को
कमा कर ला ........
उन को पैसा चाहिए था
अय्याशी करने को
उस दिन से बूट पोलिश करता
जो पैसा मिलता
उसके बदले अंकल देता
दो वक्त की रोटी ,पानी
कुछ फटे कपड़े .......।
जब ग्राहक नही आतें
मार के डर से कूड़ा बीनता
जब थकता सो जाता
ना कोई सपने ना
ना कोई अपना
कोई तो तरस करो
बचपन खो गया
इसकी उम्र मे बच्चों को
मिलता प्यार ..........।
हे ईश्वर इन मानवता के दुश्मनों को
ऐसा सबक सीखाओ
जो प्यारा बचपन छीने
इन शैतानों को नरक दिखाओ...........।