STORYMIRROR

Kawaljeet GILL

Tragedy

2  

Kawaljeet GILL

Tragedy

बजुर्ग हमारे हो गए परेशान

बजुर्ग हमारे हो गए परेशान

1 min
209

रोज नई नई टेक्नॉलजी का विकास हो रहा है,

रोज नया नया कुछ सीखने को मिल रहा है,

जब से आया है इंटरनेट और मोबाइल फ़ोन,

सब इसके यू दीवाने हुए कि हाथ मे जब तक ना हो मोबाइल,

दिल दुनिया के हर बन्दे का कहीं लगता नहीं।


माना कि मोबाइल के हैं फायदे अनेक,

हर किसी को ये हज़ार फायदे देता है,

पर झूठ भी बहुत अब बोलने लगे लोग,

मोबाइल की खातिर अपनों से ही दूर होने लगे,

पहले अपनो की ले लेते थे मिल कर खबर कभी कभार,

अब तो रिश्ते ही वीडियो कॉल के मोहताज हुए।


झूठ फैलाने का काम भी बहुत हुआ अब,

झूठी खबरें जाने ही कितनी अब इंटरनेट पर आ रहीं,

बच्चे हो रहे मोबाइल के यूं दीवाने कि पढ़ाई भी अब इंटरनेट पर करते,

रात रात भर जाग कर वक्त अपना है गुजारते,

हो गए है लोग अब आलसी बस फोन पर लगे रहते,

और काम कोई नही सूझता बस मोबाइल ही मोबाइल नजर आए।


बजुर्ग हमारे हो गए परेशान इस मोबाइल की वजह से,

घर का हर बच्चा बड़ा अब कर रहा नजर अंदाज उनको,

वो तो मोबाइल को यू घूरते जैसे कि तोड़ दे हाथ से खींच कर,

इस नई टेक्नोलॉजी से वो है नाराज़ बहुत ही।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy