बीता हुआ कल
बीता हुआ कल
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तुम्हें याद है हमने बच्चों के नाम सोच रखें थे
आहना और शैनजे
और साथ ही कहा था
लड़की की सूरत और स्वभाव तुम पर ही जायेगा
क्यूँकि, " बेटियां पापा की परछाई होती है "
जब मैंने कहा था " नहीं "
तो तुमने मुझे बीच में टोककर कहा था कि
तुम जितनी ज़िद्दी हो
मैं नहीं चाहता हमारी बेटी भी उतनी ही ज़िद्दी हो
आज इन बातों की जब याद आयी
तो आँख भर आयी
मुझे बस यह कहना है तुमसे
तुम्हें कुछ याद भी है
या तुमने सब बातों को
बीता हुआ कल समझ कर भुला दिया है।