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Husan Ara

Romance

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Husan Ara

Romance

बीमारी या सच

बीमारी या सच

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कोई मज़ाक बनाता है,

कोई बीमारी का नाम देता है।

कोई सच बताता,

कोई नाटक खुलेआम कहता है।।


इसमे उसकी क्या ख़ता,

उसे "वो" दिखाई दे रहा है,

जो सबकी आंखों से ओझल है।

शर्म भी आती है ,

दिमाग परेशान , दिल उदास,

और आंखे भी बोझल हैं।।


वहम है उसका या वो सच में बसता है?

डर डर के जीना किसे अच्छा लगता है?

निकल कर भाग जाने का न कोई रस्ता है!

इधर से दुनिया उसपर हँसती है;

उधर से उसपर "वो" भी हँसता है!!


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