Rajeev Kumar
Thriller
भयानक रात का जादू
आपके हौसलों से काबू
चीर देते हैं भयानक रात का सीना
आपके दिल का उफनता सफीना
भयानक रात का जीना दुश्वार
जिसको अपने हौसले में इख्तयार।
है मिलन की बे...
वक्त के दाँव ...
पथ है अवरोध भ...
जद्दोजहद
छवी
बाढ़
जैसी भी सूरत
यादों के उजाल...
जिंदगी
हौेसला
मगर कौन जाने ख्वाबों को मूंद कहीं एक सूर्य अस्त भी हुआ। मगर कौन जाने ख्वाबों को मूंद कहीं एक सूर्य अस्त भी हुआ।
कोई अर्थी को सजा रहा आँसू को कोई छुपा रहा कोई अर्थी को सजा रहा आँसू को कोई छुपा रहा
मिला हूँ बहुत शिक्षकों से मैं अपनी ज़िंदगी में, पर सर को मेरे दिल में एक अलग ही जगह बना मिला हूँ बहुत शिक्षकों से मैं अपनी ज़िंदगी में, पर सर को मेरे दिल में एक अलग ह...
पार नहीं पाया कभी, आंखों में भरे जब राज, शहीदों की आंखों पर, देश को होता है नाज।। पार नहीं पाया कभी, आंखों में भरे जब राज, शहीदों की आंखों पर, देश को होता है न...
मेरी अपनी सल्तनत मेरा अपना राज अकेली मैं सम्राज्ञी, पूरी करूँ मन की प्यास, मेरी अपनी सल्तनत मेरा अपना राज अकेली मैं सम्राज्ञी, पूरी करूँ मन की प्यास,
दो सिक्कों के लिए उसको गिरवीं रखते देखा है। दो सिक्कों के लिए उसको गिरवीं रखते देखा है।
लाश को शमशान में रखकर अपने लोग ही पूछ्ते हैं, "और कितना वक़्त लगेगा" लाश को शमशान में रखकर अपने लोग ही पूछ्ते हैं, "और कितना वक़्त लगेगा"
अपने आसपास एक जादू बना के रखते हैं। हर दिशा में इनके मुंह, कान और आंख होते हैं। अपने आसपास एक जादू बना के रखते हैं। हर दिशा में इनके मुंह, कान और आंख होते है...
हमारी ज़रूरत के लिए, हम अच्छे कमरे आसपास में ढूँढ़ने लगे। हमारी ज़रूरत के लिए, हम अच्छे कमरे आसपास में ढूँढ़ने लगे।
ये बेकरारी कैसी इस जान को किसकी तलाश क्यूं आवारा बंजारा बन भटक रहे हैं सब साज़, ये बेकरारी कैसी इस जान को किसकी तलाश क्यूं आवारा बंजारा बन भटक रहे हैं सब साज...
एक तरफ था पर्वत उंचा और एक तरफ गहरी थी खाई एक तरफ था पर्वत उंचा और एक तरफ गहरी थी खाई
नायक हमेशा टोपी नहीं पहनते हैं । नायक हमेशा टोपी नहीं पहनते हैं ।
जवान बेटे पर हाथ जैसे बाप का नहीं चलता। जवान बेटे पर हाथ जैसे बाप का नहीं चलता।
मैं लिखना चाहता हूँ गहरे जख्मों की कहानियां। मैं लिखना चाहता हूँ गहरे जख्मों की कहानियां।
प्रेम के रंगों में मिलते देखा है। दो प्रेमियों को मिलते देखा है। प्रेम के रंगों में मिलते देखा है। दो प्रेमियों को मिलते देखा है।
क्या मेरी तरह वह भी तेरे ना कमाने पर खुद से घर खर्च उठाता है? क्या मेरी तरह वह भी तेरे ना कमाने पर खुद से घर खर्च उठाता है?
मैं तुमको अपना बनाने आ रहा हूँ हमेशा हमेशा के लिए बस तुम मेरा इंतज़ार करना। मैं तुमको अपना बनाने आ रहा हूँ हमेशा हमेशा के लिए बस तुम मेरा इंतज़ार करन...
भारत की जय भारत की जय कंठ कंठ से गूँज उठने लगे। भारत की जय भारत की जय कंठ कंठ से गूँज उठने लगे।
पर धर्म के अंधों को कैसे ओ नियति मैं समझाऊँगा पर धर्म के अंधों को कैसे ओ नियति मैं समझाऊँगा
तू लड़की नहीं चंचला है। तुझे देख कर मेरा दिल तुझ पर डोला है। तू लड़की नहीं चंचला है। तुझे देख कर मेरा दिल तुझ पर डोला है।