भूतों की बात
भूतों की बात
भूत प्रेत की बात चले जब तो,
बदन में सिहरन सी दौड़ जाती है,
बड़े-बड़े तुर्रम खानों की,
सिट्टी-पिट्टी गुम हो जाती है।
ठिठुरती सर्दी में भी माथे पर,
पसीना छलकने लगता है।
अंधेरे, तन्हाई से बहुत डर,
लगने लगता है।
ज़रा सी आहट होती है तो,
दिल उछलने लगता है,
अपने आस-पास
आत्माओं का डेरा,
महसूस होने लगता है।
भूत प्रेत आत्मा का विचार,
जब दिमाग में घूमने लगता है
हो जवान या कोई बूढ़ा,
सबका खून सूखने लगता है,