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Asha Jaisinghani

Drama Tragedy Inspirational

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Asha Jaisinghani

Drama Tragedy Inspirational

भूली बिसरी यादें

भूली बिसरी यादें

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फुर्सत मिली तो

यादों के झरोखे में 

झाँक लिया

वो भरा-पूरा परिवार

वो हँसी -खुशी का माहौल

तब छोटा ..छोटा था

बड़ा.. बड़ा था

वक्त बदला

बड़े बुड़े हुए

बच्चे बड़े हुए

हर चिड़े ने

बना लिया अपना

अलग घोंसला

माना, जो हुआ

वो बेसबब नहीं था

बहुत गहराई से सोचा

तो, ये समझ आया 

बर्तन, ज्यादा हो गए

खड़कने लगे 

पर, कुछ तो 

अच्छी, बातें 

रही होंगी

चलो एक काम करते है

अच्छी बातों के 

तार जोड़ लेते है

पूरे ना सही

आधे - पौनै, तो हो ही जायेंगे

 तब, खुशी की बात 

ये होगी 

कि

हम आशावादी, हो जायेंगे


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