"कल्पनाओं के घोड़े"
"कल्पनाओं के घोड़े"
मैं पढ़ रही थी इतिहास
मै जी रही थी इतिहास
मैं.....
मैं एक राजकुमारी हूँ
जिसके आगे सुंदरता नतमस्तक है
मैने रचा है स्वयंवर
ओर देखा है
कई वीरो को शिकस्त होते हुए
मैने विवाह किया वीरो के वीर से
मैं पढ़ रही हूं इतिहास .......
मैं जी रही हूं इतिहास ........
मैं रानी लष्मी बाई हूं
नारी शक्ति का परिचय
जिसने ठाना है
अंग्रेजों को बाहर करना है
और
और सोने की चिड़िया ( भारत ) को बनाना है
मैं पढ़ रही हूं इतिहास
मैं जी रही हूं इतिहास .......
मैं भविष्य हूं
जिसकी हवा में जहर है
पानी में किटाणू है
आग में ओजोन ( नुकसानदायक किरणें) है
और धरती बंजर पड़ी है
सुन लो कान खोलकर
आने वाले कल मैं
दिसम्बर देगा जेठ की तपन
मैं पढ़ रही थी इतिहास
मैं जी रही हूं इतिहास।