भूख कैसी भी हो....
भूख कैसी भी हो....
भूख वो नशा है कैसा भी हो लग जाए तो तो उससे दूर होना मुश्किल,
भूख खाने की लगी हो तो जब तक पेट भर ना जाये कुछ नहीं भाता,
भूख अगर लिखने की हो तो जब तक आप अपना हाले दिल ना लिख लो,
आपको सुकून और चैन नहीं मिलता आप परेशान रहेंगे,
भूख अगर प्यार की होगी तो जब तक आप को प्यार ना मिलेगा,
आप यूँ ही भटकते रहेंगे दीवाने शायरों की तरह,
भूख अगर रिश्तों की होगी तो आप उनके लिए हर कुछ त्याग दोगे,
अपने रिश्तों की खातिर आप खुद को बर्बाद कर लोगे,
भूख गर किसी चीज़ की लग जाये उससे दूर नहीं हो सकते,
चाहे ये जग दुश्मन बन जाये आदत उसकी नहीं छूटती,
भूख अगर यहाँ से दूर जाकर बसने की लग जाये पराये देश में,
फिर यहाँ से वहाँ तक जाने से आपको कोई नहीं रोक पायेगा ।