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Gangotri Priyadarshini

Abstract

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Gangotri Priyadarshini

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लम्हें यादों भरे

लम्हें यादों भरे

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अतीत की बीते लम्हों के झलक

कभी आंसू और कभी खुशियों का दौर

यादों की हवा जो कर दें झकझोर

लौटने को और महसूस करने

लम्हे वो बीते पल के !

हम गुजरते हैं, हर वो यादों की गलियां

जो दिलके करीब होते हैं !

वर्तमान के आघोष में जो अतीत की नींव,

जिसके हर एक पहलू में 

धुंधली सी दिखे जो आज कल

हजारों सुबह, शाम,रात की गुमशुदगी,

जो रह रह कर जिंदगी की दरमियान गुजरती है

कभी जो सुनाई दें अचरज सी पुकार

वो जो सपनों कि कली खिलें और बिखरें

सुगंध बहार,लगता है अनमोल हर पल

समय के साथ बह जाएं ,सांसों के माला के साथ

लम्हे वो बीते पल के !




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