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Anjana Chhalotre

Abstract

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Anjana Chhalotre

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ग़ज़ल

ग़ज़ल

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काफिला जिस तरफ चला होगा, 

एक बस्ती का रास्ता होगा . 

जिसको चाहा कभी था शिद्दत से . 

दिल में नफ़रत निबाहता होगा . 

इन दिनों वो नज़र नहीं आता , 

किन खयालों में खो गया होगा . 

उसकी तुमको ख़बर नहीं कुछ भी ,

वह बुलंदी को छू रहा होगा. 

तोड़कर तुमसे प्यार का रिश्ता , 

वह भी टुकड़ों में जी रहा होगा . 

बस रहा दिल में जो *सवि* सबके ,

आदमी दिल का वो भला होगा।


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