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Indrajeet Singh

Abstract

3.8  

Indrajeet Singh

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कुर्सी

कुर्सी

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मैया मोरी, मै नाही नौकरी करण जयबो,

कोलिज देखन में है भारी

पैसा मिलत है पन्द्रह को

अउर कुर्सी नाही बैठन को

मैया मोरी...............।

मै पूछी आपन सनहतिया से

यही है रीति कोलिज की

ऊ कहत है , कुर्सी की करो न बात

मोको कुर्सी दिन्ही, दुई साल के बाद

मैया मोरी ..................।

मै पूछी एक सहाब से

कहात हैं पंचम स्वर में बोलत हैं

मोकॊ कुर्सी दिन्हि तीन साल में

ऊहो काफी लिखा पढ़ी के बाद

मैया मोरी......................।

मै पूछी एक बाबू से

ऐसहिं होत है कोलिज

ऊ कहत है, कुर्सी की न पूछो बात

मोकों कुर्सी दिन्हिं पूरे पांच साल के बाद

मैया मोरी......................।

मै पूछी आपन सहाब से

कहत है, मुसकाय के

नव स्टाक जों आइबो

पहिल कुर्सी तहार

दूई, तीन अरु पांच

नव स्टाक कबनो आईबो

मैया मोरी, में नाही नौकरी करन जयबो

मैया मोरी...........।

   


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