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Indrajeet Singh

Inspirational

3.8  

Indrajeet Singh

Inspirational

हमारा पैसा

हमारा पैसा

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हमारा पैसा, पहले रोकते हैं,

फिर किश्तों में, वे इसे लौटाते हैं,

इसीलिए वे, शहंशाह कहलाते हैं।

हमारा पैसा..........।


दीया हमारा, बाती भी हमारी,

रोशन कर इसे वे, दीवाली का,

गिफ्ट कह जाते हैं।

हमारा पैसा............।


कोरोणा की इस महामारी ने,

जो सितम ढाया है, ई एम आई भी,

चुक न पाती, ऐसा भरमाया है।

हमारा पैसा...........।


विद्यालय ने ऑनलाइन कक्षा, आयोजित कर कर के,

बार बार जतलाया है, विद्यालय की फीस भरो तो,

महाविद्यालय का संदेशा, हम भी हैं क्यू में ।

हमारा पैसा............।


मार्केट जाओ तो, नजर बटुए पर ही रहती है,

जो बड़े नोटों से रीता है, और दुकानदार कहे,

अभी तो हजार भी न हुआ है बाबू जी।

हमारा पैसा..............।


हाट बाजार जाना, हम तो भूल ही गए,

ठेला वाला हर दूसरे रोज़, द्वार खटखटाता है,

साग भाजी से दोनों का, इंतजाम हो ही जाता है।

>

हमारा पैसा..............।

है प्रभु हमारी यही अरदास है, बहुत हुआ कोरोना कोराना,

अब तो नए वर्ष की दस्तक है, कुछ ऐसा जतन करो,

जग हो जाए वारा न्यारा, सबका हो जाए कल्याण।

हमारा पैसा............।


मेरे नियोक्ता एक सेलिब्रटी है, आईकान है एवम् एक बड़े उद्यमी भी है, उनके पास कितना पैसा है कोई सही सही आंकलन नहीं कर सकता, वे पैसे से पैसा बनाने की कला में माहिर हैं। उन्होंने हमारा पैसा रोका अर्थात सेलरी में कटौती की, काम पूरा एवम् पैसा आधा, कारण कोराना संकट बताया गया। छोटे कर्मचारियों की अधी सेलरी एवम् बड़े अधिकारियों की 70 प्रतिशत कटौती और हमने 6 माह तक एक तिहाई से भी कम सेलरी में अपनी रोजी रोटी चलाई। अल्प वेतन में पूरी जिंदगी जीने की जद्दोजहद और वे दस बीस हजार स्टाफ की 6 माह तक सेलरी होल्ड कर पैसा बनाते रहे। बिग बॉस से नजदीकी होने, पर्सनल स्टाफ में पदस्थापना होने से टीका टिप्पणी करना अनुशासनहीनता का सबब बनता इसलिए कलम चलाई एवम् शब्दों के को मोती निकले वे आपकी नजर प्रस्तुत है।


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