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Ratna Pandey

Drama Tragedy

5.0  

Ratna Pandey

Drama Tragedy

भ्रूण हत्या

भ्रूण हत्या

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नहीं बिकेंगे लड़के यहाँ अब लाखों करोड़ों में,

सुना है गोदाम सारा भर गया है

कर रहे हैं आज हत्या कोख में जिनकी,

कल उन्हीं को पाना मुश्किल पड़ेगा।


तब पछताएँगे वो,

जब अपने बेटों के लिये बेटियाँ ढूँढ़ नहीं पाएँगे,

और पाँव में छाले पड़ जाएँगे।

समय ने ले ली है करवट,

बदल जाएगा सब कुछ यहाँ अब,

लाखों माँगने वाले करोड़ों देने को तत्पर रहेंगे,

अब लग रहा है डर कि वंश आगे कैसे चलेगा।


कर रहे हैं जो पाप, उसका फल तो आखिर ज़रूर मिलेगा।

आज अपने अंश को जो कोख में ही मार रहे हैं,

उन्हें नहीं पता आने वाले कल में वो,

अपने वंश को ही मार रहे हैं।


बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा जो नहीं मानेंगे,

वो कल पछताएँगे ,

और ऐसे लोग समाज के लिये घातक बन जायेंगे।

एक पर एक का अनुपात आज बिगड़ गया है,

मत बिगाड़़ो इसे वरना एक दिन बहन बेटी

और पत्नी के लिये तरस जाओगे,

फिर वंश कहाँ से लाओगे।

जिन्हें बेटी नहीं चाहिये,

हे प्रभु, उन्हें बेटा भी मत देना।

जब ऐसे पापियों के वंश का अंत होगा, तभी बेटे

और बेटी का अनुपात बराबर होगा।


और हे प्रभु, तुम्हारा बनाया नियम तभी फिर से लागू होगा ।

और हे प्रभु, तुम्हारा बनाया नियम तभी फिर से लागू होगा ।।








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