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Ritu Garg

Drama

4  

Ritu Garg

Drama

चुनाव

चुनाव

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लो आ गया चुनाव का दौर

सभी नेता निकल पड़े हैं इस ओर

किसी ने प्रलोभन दिखाकर

अपनेपन का जाल बिछाया है

किसी ने उधम मचा कर

जनता को डराया धमकाया है

लो चुनाव का दौर आया है।


 करते नहीं अपने राज में कुछ भी

बड़े-बड़े जुमलों का दिन आया है

जनता को भी भरमाया है

लो चुनाव का दौर आया है।


हर घर जाकर प्यार जता रहे

भोली जनता को खूब लुभा रहे

आने वाले दिनों को सुनहरा बताया है

लो चुनाव का दौर आया है।


कुर्सी की खींचा तानी में

खुद को महान बताया है

सभी हथकंडों को अपनाया है

लो चुनाव का दौर आया है।


मतदाता की समझ ने भी

अपना पलड़ा भारी दिखाया है

सूझ बूझ से मतदान करने का

सभी ने अपना मन बनाया है

लो चुनाव का दौर आया है।


कीमत एक वोट की भारी

लोकतंत्र की जिम्मेदारी

देश प्रगति की तैयारी में

बुजुर्गों ने भी अपना हाथ बताया है

लो चुनाव का दौर आया है।


कुर्सी के हकदारों को 

उनकी औकात में लाया है

देश को ऊंचा उठाने का जनता ने,

तुमको जिम्मेदार बनाया है।

अपने एक वोट का अधिकार बताया है

लो चुनाव का दौर आया है।


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