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Shilpi Goel

Abstract Drama Classics

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Shilpi Goel

Abstract Drama Classics

हम साथ-साथ हैं

हम साथ-साथ हैं

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दोस्ती का जो किस्सा शुरु हुआ स्कूल से,

आजतक हम उसको निभाते आए हैैं।

दूर रहें या हों नजदीक एक दूजे के,

हर कदम पर साथ हम देते हैं।

जिस्म अलग-अलग हैं लेकिन जान बसी है इस कदर,

एक दूजे के लिए यह जान न्यौछावर करते आए हैं।

जब-जब ठोकर लगी किसी एक को,

बढ़कर हर डगर उसका हाथ थामते आए हैैं।

मुलाकातें वक्त के साथ बेशक फीकी पड़ गई,

दिल के बंधन में लेकिन कभी ना दरार आई।

प्रीत निभाने की जो उठाई थी कसम हमने,

उसमें ना कभी कोई दीवार खड़ी हो पाई।

वादा है एक दूजे से बस हमारा इतना,

छूटे दुनिया चाहे, पर छूटे हमारा संग ना।


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