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Jyoti Astunkar

Abstract Drama

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Jyoti Astunkar

Abstract Drama

संतुलन

संतुलन

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ये जगह है कुछ अनोखी

इंसानों से है अनदेखी

कहीं दूर से देखी है

पर पहुंच से परे है


ना ज़मी न आसमां

सिर्फ अपना है ये जहां

ठंडी हवा खुला आसमां

खिला खिला सा है ये समां


मिलकर बैठने की जगह

गपशप करने और खेलने की वजह

सुबह की हल्की सी धूप में

शोर मचाते उड़ जाने की जगह


हिलती हुई पगडंडी पर

करतब दिखाते पंछी

संतुलन का जीवन पाठ

सीखाते है सुंदर चहकते पक्षी।


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