STORYMIRROR

Bhawna Kukreti Pandey

Drama Others

4  

Bhawna Kukreti Pandey

Drama Others

दूब सी औरते

दूब सी औरते

1 min
282

मन की 

उथलपुथल को 

खामोशी के निर्वात में 

रखती हुई, 

अपने दुख में भी

सुकून ही ढूंढती हुई

कुछ औरतें 


खुद को उस दूब जैसी 

मान लेती हैं 

जिसको पैरों तले 

कुचला जाना 

या धार्मिक अनुष्ठानों में 

शामिल होना

बदा है।


ये औरतें 

सब सच जानती हैं

लेकिन अक्सर

अपनी इस ओढ़ी हुई 

मासूमियत के नकाब में

छिपा लेती हैं अपना 

सारा गुबार।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama