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Sunvinder Kaur

Drama

4  

Sunvinder Kaur

Drama

पचास की उम्र का प्यार

पचास की उम्र का प्यार

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कहते हैं प्यार की कोई उम्र नहीं होती,

 पर सच तो यह है कि,

 बुढ़ापे का प्यार सबकी नजरों में तमाशा ही है,

 फर्क बस अपनी अपनी सोच का है,

 पर प्यार की जरूरत तो बुढ़ापे में भी होती है ना,

 प्यार किसी सीमा में नहीं बंधता,

 वह तो खुले परिंदे जैसा है ,जिसको हो जाए ,

अपने पंख फैला कर, अपने सपनों को सजाने लगता है,

फिर मैं क्यों ना उडूं,

क्या हुआ, जो मैं पचास साल की हूं,

 क्या मैंने अपने जीने का हक खो दिया,

 हर फर्ज  निभाया,

क्या हुआ जो मैं बुड्ढी हो गई,

 मेरा दिल अभी भी धड़कता है,

 मुझे अभी भी साथ की जरूरत है,

 मुझे अभी भी प्यार की जरूरत है,

 जो मेरी भावनाओं को समझे,

 जो मुझे दिल से प्यार करे,

 लोग भले मेरा मजाक उड़ाये,

 पर हां, मैं प्यार करती हूं 

 हां मैं प्यार करती हूं!!


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