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Sunvinder Kaur

Inspirational

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Sunvinder Kaur

Inspirational

परिवार

परिवार

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माना फैमिली बनाने में औरतों के बहुत से त्याग है   

हर गीत में हर कविता में उसका ही बखान है

 एक नजर हमें भी देखते तो हमारा भी थोड़ा नाम होता

फैमिली बनाने में एक -एक पल भी कुर्बान हमारा

यह सब को ज्ञान तो होता


 छोटे-छोटे रिश्तो को जोड़ मेंने एक परिवार बनाया

हर गम में हर तकलीफ में खुद को पत्थर चट्टान बनाया

अपनों की जरूरतों की खातिर सपने खुद के मार दिए

आंखों में आंसू भी आए दिल ही दिल में गाड़ दिए

मर्द हूं हर बात जबा से बोल नहीं पाता

परिवार को प्यार बोलकर जता नहीं पाता


बोलता नहीं रोता नहीं पर दर्द मुझे भी होता है

सर्दी में ठंड और गर्मी में धूप मुझे भी लगती है

पर परिवार के सामने यह तकलीफ भी फूल सी लगती है

हर दिन बिना थके सबकी जरूरतों को

पूरा करना उनके हर सपने को पंख देना


उनकी सोच को ऊंची उड़ान देते-देते मैं खुद खुद में ही छुप गया हूं

 परिवार की खातिर अपने ही फर्जो में घुम गया हूं

फिर भी दुनिया हम मर्दों को परखती है

एक की गलती हर मर्द के करैक्टर पर मलती है

 यह सोचे बिना कि तिनका तिनका जोड़ मैंने भी परिवार बनाया

 हैप्पी फैमिली होने का एहसास दिलाया !


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