भोजपुरी कविता- लोगवा ज़िंदगानी
भोजपुरी कविता- लोगवा ज़िंदगानी
कईला नाही निमन तुहु आपन कारस्तानी नेताजी |
लगवाई के देश बिरोधी नारा बन गईला द्रोही नेताजी |
झूठ सांची बोली बाली सबके रीझावेला |
जेवन होई नाही तेवन सपना सबके देखावेला |
कई दिहला दूभर लोगवा ज़िंदगानी नेताजी |
कईला नाही निमन तुहु आपन कारस्तानी नेताजी |
लेवे खातिर भोटवा घुसी जला हमरे पेटवा |
खाद बीज पानी बिना मरे मोर खेतवा |
गले मिली दुश्मनवा देशवा कईला पानी पानी नेताजी |
कईला नाही निमन तुहु आपन कारस्तानी नेताजी |
लइकन के शिक्षा ना बिना चोरी के परीक्षा ना होला |
काम बिना नोट के सड़क बिना चकरोट के ना होला |
जब करी फरियाद तोहसे करेला आनाकानी नेताजी |
कईला नाही निमन तुहु आपन कारस्तानी नेताजी |
बितला इलेक्सन होला न कभी दरसन |
मिलला पर चिन्हे नाही तोहार जात बा ई कइसन |
नाही दिहला रोजगार केहु मरे लोगवा बिना दानापानी नेताजी |
अबही समईया बा अबहु त चेता तनी |
देशवा समाज गऊवा खियाल करता तनी |
जनी करा अब त तुहु खूब मनमानी नेताजी |
कईला नाही निमन तुहु आपन कारस्तानी
