बहना जाग जाएगी
बहना जाग जाएगी


आंखें खोलो बहना सवेरा हो गया है,
नभ तारे छोड़ सूरज संग खो गया है।
कब तक सोओगी अब तो जाग जाओ,
खोली सबने आंखें तुम भी गीत गाओ।
शाम सवेरे यूं निपट अंधेरे तो उठते हैं योगी,
ऐसी तपस्या हमसे भैया बिल्कुल ना होगी।
तुम भी तो सोचों भैया ये क्या हो रहा है,
अरे! चांद भी तो तारों के संग सो रहा है।
समय ये सुंदर ना मुझको अब खोना है,
छोड़ो भैया मुझको अभी और सोना है।
बातें तेरी शैतानी की मुझको सच्ची लगती,
तू जागे तो ही ये दुनिया सारी अच्छी लगती।
तेरे हंसने में ही है मेरी खुशियों का डेरा,
तू जागे तो ही होता तेरे भैया का सवेरा।
करोगे बातें प्यारी तो मुझे नींद कैसे आएगी,
अब तो बस करो भैया ये बहना जाग जाएगी।