भलाई के लिए सबकुछ अर्पित।
भलाई के लिए सबकुछ अर्पित।
ये पौराणिक कथा,
भगवान विष्णु और शिव के,
बारे में है।
ये दर्शाती,
जब समाज कल्याण का,
मुद्दा आता,
तो उसके आगे,
सर्वोच्च वलिदान भी,
छोटा पड़ जाता।
एक बार,
राक्षसों का अत्याचार,
इतना बढ़ गया,
वो स्वर्ग पर,
कब्जा करने की,
स्थिति में आ गये।
सब देवता भगवान विष्णु के पास पहुंचे,
भगवान विष्णु ये जानते थे,
इसका हल,
सिर्फ भोले बाबा के पास है।
आखिर उन्होंने,
भोले बाबा की खूब तपस्या की,
वो जैसे जैसे भोले बाबा का,
जाप करते,
साथ साथ,
एक कमल का फूल चढ़ा देते।
भोले बाबा विष्णु की,
परीक्षा लेने आ पहुंचे।
उन्होंने एक कमल का फूल,
चुरा लिया।
अब जब भगवान विष्णु को,
एक कमल का फूल,
कम पड़ गया।
तो विष्णु ने सोचा,
अब क्या करूं,
अन्यथा तपस्या,
भंग हो जाएगी।
तो फिर भगवान विष्णु ने,
भोले बाबा को,
अपनी आंख भेंट कर दी।
जिससे भोले बाबा,
अत्यंत प्रसन्न हुए,
और उन्होंने भगवान विष्णु को,
सुदर्शन चक्र भेंट किया।
जिससे उन्होंने राक्षसों का,
नरसंहार किया,
और स्वर्ग को बचा लिया।