भक्ति गागर
भक्ति गागर
माँ मुझ पर प्रेम बरसे, छलके भक्ति सागर।
माँ मैं भरती रहूं नित, भक्ति भाव कि गागर।।
माँ मै करती रहूँ नित, तेरे ही गुणगान।
माँ बस तु दे दे अपनी, रहमत का वरदान।।
माँ दुर्गा तुम हि हो इस, संसार की दुखहर्ता ।
माँ तुम हो परमशक्ति, तुम हो विघ्नहर्ता।।
