STORYMIRROR

Veena rani Sayal

Abstract

4  

Veena rani Sayal

Abstract

भजन

भजन

1 min
372

मैंने सज्जा लिया दरबार, मैय्या आजा मेरे द्वार

क्या राजा, क्या रंक भिखारी,करें तेरा दीदार

मैंने सज्जा लिया दरबार, मैय्या आजा मेरे द्वार


तेरी पायल की छमछम से,गूंज उठे दर मेरा

मेरे घर आंगन में मैय्या,आज लगा तू फेरा

झूम के नाचे झूम के गाए, ये सारा दरबार

मैय्या आजा मेरे द्वार

मैंने सज्जा लिया दरबार,मैय्या आजा मेरे द्वार


तेरी बिंदिया की चम चम से,जगमग हो घर मेरा 

मेरे घर आंगन में मैय्या, आज लगा तू फेरा

तेरी राह देख रहा है,ये सारा दरबार

मैय्या आजा मेरे द्वार

मैंने सज्जा लिया दरबार मैय्या आजा मेरे द्वार


तेरी नज़र के नूर से मैय्या,दूर हो मन का अंधेरा

मेरे घर आंगन में मैय्या ,आज लगा तू फेरा

सब की झोलियां भरने वाली, सुन ले भगत पुकार

मैय्या आजा मेरे द्वार

मैंने सज्जा लिया दरबार मैय्या, आजा मेरे द्वार


शेरां वाली मैय्या मेरी, हो जाए दर्शन तेरा

मेरे घर आंगन में मैय्या, आज लगा तू फेरा

तेरी जय जयकार से गूंजे, ये सारा दरबार

मैय्या आजा मेरे द्वार

मैंने सज्जा लिया दरबार मैय्या, आजा मेरे द्वार 

क्या राजा, क्या रंक भिखारी, करे तेरा दीदार

मैंने सज्जा लिया दरबार मैय्या,आजा मेरे द्वार।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract